000 | 04557nam a22001937a 4500 | ||
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005 | 20250224101941.0 | ||
008 | 240216b |||||||| |||| 00| 0 eng d | ||
020 | _a9789384343972 | ||
040 | _cNational Institute of Technology Goa | ||
082 |
_a400 _bSHA/ANU |
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100 | _aShailesh, Dinesh Chamola | ||
245 | _a Anuvad Aur Anuprayog | ||
250 | _a1st | ||
260 |
_aNew Delhi: _b Vidya Vikas Academy, _c 2019 |
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300 | _b234p.: 8x10x1; Hard cover | ||
520 | _aकिताब के बारे में: अनुवाद का संबंध भाव, विचार, सृजन एवं रचना की प्रारंभिक प्रक्रिया से स्वतः ही जुड़ जाता है। यद्यपि अनुवाद कही हुई बात अथवा ज्ञात उक्ति का पुनर्कथन है, लेकिन क्या भावों का अनुवाद विचार; विचारों का अनुवाद रचना नहीं है? अनुभूति ही दूसरे अर्थों में अनूदित अथवा अंतरित होकर अन्यान्य अभिव्यक्तियों का रूप ग्रहण कर चिंतनधारा को विस्तारित करती आई है। अनुवाद वस्तुतः किसी एक भाषा में बहुप्रचलित अथवा अत्यल्प प्रचलित भाव, ज्ञान अथवा किसी भी प्रकार की संपदा का अधिकाधिक श्रोताओं, उपभोक्ताओं व पाठकों तक संबंधित ज्ञान, भाव, विचार अथवा सामग्री के प्रचार-प्रसार का एक प्रभावी माध्यम है। अनुवाद आज के सामाजिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक, राजनैतिक, आर्थिक व व्यावहारिक जीवन का ही नहीं, बल्कि समेकित जीवन पद्धति की अपरिहार्य अपेक्षा हो गई है। इसके अभाव में जीवन में अभिव्यक्ति व बहुविध ज्ञानार्जन की कल्पना नहीं की जा सकती। अनुवाद आज के ज्ञान-प्रसार का प्राण-तत्त्व है। इस पुस्तक में विभिन्न मंत्रालयों, कार्यालयों तथा साहित्य के अन्यान्य क्षेत्रों में प्रयुक्त व हस्तगत, संगृहीत विगत दशकों की बिखरी शब्द संपदा को अलग-अलग अनुप्रयोगों के संदर्भ में सहेजने का एक विनम्र प्रयास किया गया है। कार्यालयीन संदर्भों के साथ-साथ यह लेखक, विद्यार्थी एवं विश्वविद्यालय के अनुवाद से जुड़े शोधार्थियों के लिए भी समान रूप से उपादेय है। | ||
650 |
_2Hindi _aहिंदी भाषा की विकास यात्रा; अनुवाद की भूमिका एवं महत्त्व; अनुवाद, तात्पर्य एवं प्रकार; अनुवाद की प्रक्रिया; अनुवादक के गुण; कार्यालयीन अनुवाद एवं अनुप्रयोग; विभागीय शब्दावली का अनुवाद; पेट्रोलियम शब्दावली का अनुवाद; लोकोक्तियों और मुहावरों का अनुवाद; साहित्यिक अनुवाद की समस्याएँ; वैज्ञानिक अनुवाद : समस्या एवं समाधान |
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942 |
_2ddc _cBK _n0 |
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999 |
_c4941 _d4941 |