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020 _a9789350484500
040 _cNational Institute of Technology Goa
082 _a300.92
_bKUM/MAI
100 _aDinesh, Kumar
245 _aMain Ambedkar bol raha hoon
250 _a1st
260 _aNew Delhi:
_b Prabhat Prakashan Pvt. Ltd.,
_c 2022
300 _b160p.: 8x10x1; Paper back
_c
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520 _aकिताब के बारे में: जो कुछ मैं कर सका, वह जीवन भर मुसीबतें सहन करके विरोधियों से टक्कर लेने के बाद कर पाया हूँ। जिस कारवाँ को आप यहाँ देख रहे हैं, उसे मैं अनेक कठिनाइयों से यहाँ ला पाया हूँ। अनेक अवरोधों, जो इसके मार्ग में आ सकते हैं, के बावजूद इस कारवाँ को बढ़ते रहना है| अगर मेरे अनुयायी इसे आगे ले जाने में असमर्थ रहे तो उन्हें इसे यहीं पर छोड़ देना चाहिए, जहाँ पर यह अब है; पर किन्हीं भी परिस्थितियों में इसे पीछे नहीं हटने देना है।मेरी जनता के लिए मेरा यही संदेश है।
650 _2Hindi
_aHindi; Hindi Literature; Ambedkar, Bhimrao-Jeevani
942 _2ddc
_cBK
_n0
999 _c5017
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