000 | 01775nam a22001937a 4500 | ||
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005 | 20250228114735.0 | ||
008 | 240221b |||||||| |||| 00| 0 eng d | ||
020 | _a9789350484500 | ||
040 | _cNational Institute of Technology Goa | ||
082 |
_a300.92 _bKUM/MAI |
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100 | _aDinesh, Kumar | ||
245 | _aMain Ambedkar bol raha hoon | ||
250 | _a1st | ||
260 |
_aNew Delhi: _b Prabhat Prakashan Pvt. Ltd., _c 2022 |
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300 |
_b160p.: 8x10x1; Paper back _c _e |
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520 | _aकिताब के बारे में: जो कुछ मैं कर सका, वह जीवन भर मुसीबतें सहन करके विरोधियों से टक्कर लेने के बाद कर पाया हूँ। जिस कारवाँ को आप यहाँ देख रहे हैं, उसे मैं अनेक कठिनाइयों से यहाँ ला पाया हूँ। अनेक अवरोधों, जो इसके मार्ग में आ सकते हैं, के बावजूद इस कारवाँ को बढ़ते रहना है| अगर मेरे अनुयायी इसे आगे ले जाने में असमर्थ रहे तो उन्हें इसे यहीं पर छोड़ देना चाहिए, जहाँ पर यह अब है; पर किन्हीं भी परिस्थितियों में इसे पीछे नहीं हटने देना है।मेरी जनता के लिए मेरा यही संदेश है। | ||
650 |
_2Hindi _aHindi; Hindi Literature; Ambedkar, Bhimrao-Jeevani |
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942 |
_2ddc _cBK _n0 |
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999 |
_c5017 _d5017 |